NEET Controversy Inside Story: NEET पेपर लीक में 2 टीचर्स की चौंकाने वाली ‘करतूत’ आया सामने, फोन में में मिले पेपर लीक करने के सबूत
NEET Controversy Inside Story: नीट परीक्षा पेपर लीक का कनेक्शन अब दिल्ली से भी जुड़ गया है. पहले बिहार, फिर उत्तर प्रदेश और अब महाराष्ट्र और दिल्ली में पेपर लीक करने वालों की पहचान हो गई है, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है.
महाराष्ट्र, NEET Controversy Inside Story: नीट पेपर लीक की आंच महाराष्ट्र तक पहुंच गई है. बिहार और उत्तर प्रदेश के बाद पेपर लीक का तार महाराष्ट्र से जुड़ गया है. नांदेड़ से एटीएस की टीम लातूर पहुंची और 2 शिक्षकों (NEET Controversy Inside Story) को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. हालांकि दोनों शिक्षकों को रिहा कर दिया गया, लेकिन एक शिक्षक को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया।
दूसरा भागने में सफल रहा. इसके बाद लातूर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में 4 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. आरोपी शिक्षकों के नाम संजय जाधव और जलील पठान हैं. पुलिस ने जलील पठान को गिरफ्तार कर लिया है. संजय जाधव फरार है. पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
फोन में एडमिट कार्ड, पैसों की ट्रांजेक्शन के सबूत मिले (NEET Controversy Inside Story)
दोनों शिक्षक लातूर जिला परिषद स्कूल में तैनात हैं। जांच में पता चला है कि ये दोनों इरन्ना नाम के शख्स के जरिए दिल्ली में गंगाधर नाम के शख्स के संपर्क में आए थे. दोनों के मोबाइल से कई परीक्षाओं के एडमिट कार्ड और पैसों के लेनदेन के सबूत मिले हैं. करीब 12 छात्रों के एडमिट कार्ड मिल गए हैं। इरन्ना कोंगलवार धाराशिव जिले की रहने वाली हैं। गंगाधर दिल्ली का रहने वाला बताया जा रहा है. इस तरह पेपर लीक की जांच 4 राज्यों तक फैल गई है, लेकिन अभी तक पेपर लीक करने वाले शख्स का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस पेपर लीक मामले के सरगना की तलाश कर रही है।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने NEET विवाद की जांच शुरू कर दी है. कल क्राइम ब्रांच ने मामले में पहली एफआईआर दर्ज की. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पेपर लीक की शिकायत की है. वहीं, एनटीए में सुधार के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित समिति की पहली उच्च स्तरीय बैठक आज होनी है. डॉ. के राधाकृष्णन इसके अध्यक्ष हैं।
इस 7 सदस्यीय समिति में सेवानिवृत्त प्रोफेसर, डॉक्टर और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव शामिल हैं। आपको बता दें कि कल उन 1563 छात्रों का पेपर दोबारा लिया गया, जिनके अंकों पर आपत्ति थी, लेकिन केवल 750 छात्रों ने ही परीक्षा दी. 813 छात्र पेपर देने नहीं आए। दोबारा परीक्षा के लिए बालोद, दंतेवाड़ा, सूरत, मेघालय, बहादुरगढ़ और चंडीगढ़ में केंद्र बनाए गए हैं।